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AL-QURAN369




🅰🅻-🅺🅸🆃🅰🅱

🅰🅻-🆂🆄🅷🆄🅵

🅰🅻-🆉🆄🅱🅾🅾🆁

🅰🅻-🆃🅰🆄🆁🅰🅷

🅰🅻-🅸🅽🆉🅴🅴🅻

🅰🅻-🆀🆄🆁🅰🅽




Acknowledgement

इंसान को यूनिवर्स के रहस्य उद्घाटन के लिए स्पेस में जाने की जरूरत नहीं  है बल्कि यूनिवर्स के जीवित प्रबिम्ब का सहारा लेकर, खुद को पढ़ने और जानने की जरूरत है क्योकि इस पूरे यूनिवर्स में जो सबसे Complicated, और Complex point of Singularity है वो कहीं और नहीं, बल्कि इंसान में मौजूद हयात है, जिसमे यूनिवर्स के सभी रहस्य छुपे हुए है. क्युकी मेरा मानना है कि पूरा यूनिवर्स और जो कुछ उसमे है वो दरअसल Humen Elements है जिससे इंसान को बनाया गया है बल्कि इसे यूं कहाँ जा सकता है कि यूनिवर्स तो खुद इंसान का बयान है उसकी व्याख्या है।. जिससे इंसान के creation का पता चलता है आखिर इसे बनाया कैसे गया और किन चीज़ो से बनाया गया है। जिसे क़ुरान बड़े खूबसूरत अंदाज में कहता है सूरह रहमान में

ٱلرَّحْمَـٰنُ

عَلَّمَ ٱلْقُرْءَانَ

خَلَقَ ٱلْإِنسَـٰنَ

عَلَّمَهُ ٱلْبَيَانَ


अर-रहमान दरअसल अल्लाह का इस्म आज़म है, जिसका अम्र खुसूसी तौर से मख्लूक की रहनुमाई करना है, उसे दिशा देना है लिहाज़ा सूरेह रहमान में बताया गया की किस तरह अर-रहमान इंसान के तखलीकी कानून क़वानीन के साथ उसे  खल्क करता है और उसी कानून क़वानीन से उसकी तालीम और तरबियत भी करता है ताकि इंसान अपने रब की रबूबियत को इस्म रहमान की रौशनी में न सिर्फ जान ले बल्कि अमानत दारी के साथ उसके जेरे फरमान हो जाएI


हमें इसी बात को समझना है कि आखिर यह यूनिवर्सल ट्रांसफार्मेशन है किसका, और  उसका कोर कहा है जिसे हम यूनिवर्स कहते है जो की फैला हुआ है वही इसी यूनिवर्स की दूसरी सूरत जिसे हम इंसान कहते है जो केंद्रित है, यानि जमा है इसी केंद्र में यूनिवर्स का कोर पॉइंट मौज़ूद है यही हमें जानना है खोजना है कि आखिर ये ट्रांफॉर्मशन हुआ कैसे , किया किसने और क्यों किया, क्या दुनिया के किसी स्क्रिप्चर या टेस्टामेंट में या साइंस के पास इसका जवाब है या फिर नहीं और नहीं है तो फिर यह जवाब है कहां, यकीनन कुरान में है मगर हमें मौलवियों के तर्जुमान में नहीं बल्कि कुरान की कसौटी में तलाशना है, तो इसलिए हम इस बुक के साथ एक सफर में चलते हैं जो सफर अंधेरे से रोशनी का है बातिल से हक की तरफ है जिसकी शुरुआत जीरो से की जाएगी ताकि आपको कुरान का अपना साइकोलॉजिकल इवोल्यूशन समझ में आए कि बिल आखिर यह क्या है और इसकी दिशा दशा क्या है, यह सफर जाएगा कहां तक और कब तक, तो आइये हम अपने सफर का आगाज़ करते है सूरह इखलास की तिलावत के साथ

قُلْ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ

ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ

لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ

وَلَمْ يَكُن لَّهُۥ كُفُوًا أَحَدٌۢ


सूरेह इखलास की तालीमात और उसकी हिकमते इंसान के ज़हन को इस माद्दी दुनिया जिसमे रैब (illusion) तारी है, हिजाब है जिसकी वजह से इंसान हकीकत से न आशना रहता है और अपनी नफ़्स के अँधेरे में भटकता रहता है, ऐसे इंसाने को जो दुनिया की ज़ीनत से फ़रेबता है, अल्लाह सूरेह इखलाश की रहनुमाई के के जरिए अपना हकीकी तार्रुफ़ कराता है, ताकि इंसान जान ले हक़ क्या है और बातिल क्या है, लिहाज़ा क़ुरान कहता है की अल्लाह अहद यानि ला मुतास्सिर है कोई भी शय ज़ाहिरी या बातिनी उसे मुतास्सिर नहीं कर सकती, वो हर एक मुतासुरात से पाक है, यकीनन अल्लाह अहद है, उसे एक कहना भी मुनासिब नहीं होगा क्योकि एक mathematically एक मुतास्सिरकुन होता है न की एब्स्यूलूट क्योकि एक तब्दील होता भी है और तब्दील करता भी है, इसी एक के transformation के साथ कायनात की तमाम असिया मुतहर्रिक है, लिहाजा उनका बनना उनका चलना और उनका मिट जाना ही उनका मुकद्दर है। 


अल्लाह समद है यानि बे नियाज है वो किसी शय, किसी जरूरत, किसी आस, किसी उम्मीद, किसी ख्वाहिस, किसी हाजत से बाबस्ता नहीं है, बल्कि हर हाल और हालात से आज़ाद है, अल्लाह की इसी सिफ़ते समद की बिना पर कायनात में मौजूद हर एक शय उसके ज़ेरेदस्त है उसकी मुतीये और फर्माबरदार है,

अल्लाह के इसी हुक्म जिसका ताल्लुक इस्म समद से है जिसकी बिना पर बनने वाली हर एक शय ज़ाहिरी या बातिनी उसके ज़ेरे हुक्म  (Under Order) है, जिसका मुशायदा हम सभी (Universal Laws) के तौर पर करते है। 


लम यालिद वलम युलद की तस्दीक और तफ़्सीर बतौर एक ही बात कही जा सकती है कि अल्लाह किसी भी शय के रिलेटिव नहीं है और न कोई शय उसके रिलेटिव है, रिलेटिव वर्ड रिलेटिविटी से लिया गया है जिसका ताल्लुक फिजिक्स से है। 


लिहाज़ा ऊपर लिखी गई अल्लाह की तीनो सिफ़तो का कोई सानी मसानी नहीं है, कोई जोड़ कोई जोड़ा नहीं है, वो लिहाज़ा हम इंसान और ये कायनात और उसमे मौज़ूद हर एक शय अल्लाह  सिफ़ाते अहद, समद, लम यालिद वलम युलद के गायबाना मुतास्सुरात में है। 

Here’s your handwritten notes turned into a clean and stylish table format for better readability:


📖 अल्लाह की किताबें कौनसी?

अल-किताब

S. No.

Chapters

Details

1

Allah

- The God (इक़्तिदार / Supreme)

- Bismillah

- Lam Yalid

- Kufuwan Ahad

Zero (0)

Representation of Allah’s Oneness

2

Nafse Wahid / One

- Rabb (Lord)

- Rehmaan (दयालु)

- Raheem (कृपालु)

- Ism-ul-Jameel (Names & Attributes)

- Asma-ul-Husna (99 Names of Allah)

- Psyche (Conscious, Subconscious, Unconscious)

3

Khalqat (Creation)

- Musawwir (Designer)

- Bari’ (Maker)

- Khaliq (Creator)

- Makhluq (Creation)

Living & Non-living beings

Consciousness & Unconsciousness

✨ This table neatly organizes the topics you had in the handwritten notes into structured chapters and details.

Would you like me to make this as a designed infographic/table image (with stylish fonts & colors), instead of just plain text?

Here’s a stylish structured table version of your handwritten notes:

📖 Al-Kitab & Quran – Structured Notes


Section Key Terms Details / Examples


1. Al-Kitab Kitab General term for "Book"

 Hukum (Guides) Taurah

 Nabuwwat (Laws) Injeel

 — Furqan

 — Sultan, Burhan

 — Qur’an

2. Quran Application (All types of revealed guidance) 

 Research Iqra

 Knowledge Quran

 Information Rasool / Rub

 Plan Nabi / Naba

 — Qaun / Siratal Mustaqeem

 — Ghayab, Gumnah

3. Insaan (Human) Execute / Action 

4. Attributes of Allah Rabb رَبّ (Lord)

 Malik مَالِك (Master)

 Ilaah إِلٰه (God)

✨ Would you like me to make this into a graphical stylish table (like a designed infographic), or keep it as a clean text table for notes/study?


Got it ✅

I’ve recreated your handwritten notes into a clean, stylish tabular and boxed format for clarity.

🌌 RUH – The Core of Universe

✨ RUH is the act of sustaining (روح – Sustainer)

Works through Law & Order

Core of Universe = RUH (समझ / Understanding)

📚 Three Dimensions of RUH

Code Element Meaning Explanation

A किताब (Kitab) Your Psyche Internal book of self / Individual consciousness

B हुक्म (Hukm) Orders of Supreme Psyche Divine law, universal order

C नुबुव्वत (Nubuwwat) Knowledge as Laws of Universe Prophetic knowledge / Universal truths

🌀 Essence of the Core

📍 The Core of Universe is your RUH →

➡️ Your Understanding / Intellect

⚖️ Powers of RUH

1️⃣ Justification (Identify)

2️⃣ Identification

3️⃣ Rectification (Correction)

🍃 Your Rizq (Provision)

👉 This Rizq is granted through Tayyebat (RUH – pure sustenance)

✨ I can also make this into a designed infographic-style ta

ble with colored boxes & flow arrows (perfect for study or presentation).

Do you want me to create that graphical version?



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